Nastional digital health mission राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन

भारत सरकार द्वारा जनवरी 2021 मे राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ( Nastional digital health mission ) परियोजना शूरू करणे की घोषणा 15 अगस्ट 2020 को लाल किले से पंतप्रधान नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी ।

 मे हर नागरिक का स्वास्थ आयकार्ड बनेगा इस विकल्प के तहत देशभरके डॉक्टरो को फोन नंबर सहित और उनके विवरण सहित इस व्यवस्था से जोडा जायेगा।

 जीस प्रकार से वर्तमान मे आपका आधार नंबर खाता नंबर है वैसे ही भविष्य मे आपका स्वास्थ्य नंबर होगा । उस डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड पर उस व्यक्ती के आरोग्य संबंधी सब जानकारिया उपलब्ध रहेगी । यह एक बहोत ही सकारात्मक पहल है। 


■ NDHM योजना को लागू कोण करेगा ? 

 राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ( Nastional digital health mission ) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लागू किया जायेगा । 

 डिजिटल स्वास्थ्य मिशन आयुष्यमान भारत प्रधानमंत्री जण आरोग्य योजना के अधीन आयेगा ।   

जे सत्यनारायण जी के अध्यक्षता मे इस समितीने स्वास्थ यवम परिवार कल्याण मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सोपी अपनी इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ब्लूप्रिंट का नाम दे दिया । 

पायलट प्रोजेक्ट के तौरपर अभि यह मिशन दादर नगर हवेली चंदीगड लदाख दिव दमन और अंदमान निकोबार मे लागू हो चुकी है। 

■ राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का फायदा: 

हर व्यक्ती का डिजिटली स्वास्थ कार्ड निकलके आयेगा  जीसकी वजह से नागरिक भविष्य मे अगर कइ भी इलाज करवायेगा तो उसके बारे मे सब जाणकारी आगे उसके अच्छे स्वास्थ के लिये काम आयेगी ।      

आप जब डॉक्टर के पास जायेंगे तो वहा आपको फॉर्म भरते समय वहापर एक स्वास्थ्य कार्ड नंबर का क्वालम होगा । जैसे ही आप अपना नंबर डालेंगे तो डॉक्टर को आपकी चल रहे उपचार , बिमारिया पता चलेगी ।

     ग्रामीण एलाके मे शिक्षा के अभाव मे लोग ज्यादा

पढ नही पाते ईसलीये वह अपनी बिमारीया अपने चल रहे उपचार बता नही पाते । स्वास्थ कार्ड नंबर से आपका सब रेकॉर्ड डॉक्टर देख पाएंगे । 


■ कठिनाइयाँ :

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन के हिसाब से 1000 नागरिको के पिछे एक डॉक्टर होणा चाहीये लेकींन भारत मे 1450 लोगो के पिछे एक ही डॉक्टर उपलब्ध है ।

  2. भारत के असपताल मे 4 लाख डॉक्टर और सात लाख बिस्तरो की कमी है ।

  1. इंटरनेट की अपर्याप्त सुविधा - भारत मे बहोत से ऐसें ग्रामीण एलाके है जहा इंटरनेट नही चलता है । 

  2. व्यक्तिगत स्वास्थ डेटा की चोरी 

  3. वाणीज्यक दुरउपयोग :डेटा का दुरउपयोग होणे की बहोत बडी संभावना है । दुनिया मे बहोत सारी कंपनी आजकल डेटागिरी खेल रही है ।

संभव है की यह आपके डेटा को निकालके ये अंदाज लगायेगे की भारत मै कौनसी बिमारीओ से कितने लोग प्रभावित है।भारत के कौनसे क्षेत्र मे कौनसी बिमारीया है? कितने लोग बिमार है?

 इस डेटा से वह कंपनिया उस क्षेत्र मे बिमारी संबंधी जाहिरात टेलिव्हिजण ,पोस्टर के माध्यम से दिखाकर लोगो को टार्गेट करके वही दवाईया का निकालके आणा यानी की आपको एक तरह से मार्केट के रूप मे उपयोग किया जाणा यह बडा आव्हान है । 

          

■ क्या हमारा डेटा सरकार के पास  सुरक्षित है

 जीस प्रकार से हमारे डेटा भारत सरकार के पास आधार कार्ड पण कार्ड और बँक खाते के रूप मे सुरक्षित है ।                  तो इससे हम यह उम्मीद कर सकते है की स्वास्थ संबंधी यह यह जानकारिया सुरक्षा संबंधी उपायो के साथ मे जारी रहेगी और भविष्य मे हमारा देश विशाल और समृद्ध होगा । 

 Nastional digital health mission डेटा के बारे मे ज्यादा डरने की आवश्यकता नही है । क्यूकी भारत सरकारने राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ( Nastional digital health mission ) कदम उठाया है वह कोइ मामुली कदम नही है ।

2017 के स्वास्थ्य नीती मे भारत सरकार ने कहा था की "हम इस प्रकार डिजिटल जाणे का प्रयास कर रहे हैं " जीसमे आपको डिजिटली दवाई की जाणकारी प्राप्त हो सकेगी। 

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ( Nastional digital health mission ) इस प्रकार का कार्य करणे की मनशा 2017 मे ही आयी थी । 

 2018 मे नीती आयोग ने भि अपने भविष्य के प्लान मे एसकी घोषणा कर दि थी की हम क्या करणे जा रहे है। 

  राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन ( Nastional digital health mission ) 2020 की घटना नही है यह तीन साल पहले ही प्लान किया गया था । 

 यह उम्मीद कर सकते है की स्वास्थ संबंधी यह यह जानकारिया सुरक्षा संबंधी उपायो के साथ मे जारी रहेगी और भविष्य मे हमारा देश विशाल और समृद्ध होगा । 


  

              ◆   Written by - changdev saykar 



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