औरंगाबाद Aurangabad

महाराष्ट्र के अंदर छह प्रशासकीय विभाग है । उसमेसे औरंगाबाद एक विभाग और जिला है । इसी के नजदीक के दस जिले मराठवाडा के नामसे जाणे जाते है । मराठवाडा मे ही वर्तमान औरंगबाद स्थित है । इस पुरे क्षेत्र मे आयेदिन सुखे की संभावना बनी रहती है ।
औरंगाबाद की कूल आबादी 11.8 लाख है । उसमेसे 50% हिंदू और 30 % मुस्लिम है । 

स्वातंत्र्य पूर्व काल मे औरंगाबाद हैदराबाद निजाम का क्षेत्र हुवा करता था ।  स्वातंत्र्यभारत के बाद जब राज्यो  का पुनर्गठन हुवा तब 1960 मे औरंगाबाद क्षेत्र महाराष्ट्र का हिस्सा बना । 

गुगल सर्च इंजिन पर आप औरंगबाद को ढुंडेगे तो औरंगबाद मे आपको कुछ विभेदीक चिन्ह इमारती दिखायी देंगी । 
जीसमे एक अजंठा वेरूळ की गुफाये और बिवी का मकबरा है ।  अजंठा और वेरूळ के बीच की दुरी 104 किलोमीटर है । 

औरंगाबाद मे स्थित ये मिनार जैसी आकृति ताजमहाल  के समतुल्य दिखती है जिसे बिवी का मकबरा कहते है।
बिवी का मकबरा औरंगजेब ने अपनी पत्नी दिलरास बानू बेगम की याद मे बनाया था । 

 
◆ युनेस्को विश्व विरासत स्थल ( औरंगाबाद) 

1) कैलाश मंदिर संसार में अपने ढंग का अनूठा वास्तु जिसे मालखेड स्थित राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) (760-753 ई.) ने निर्मित कराया था। यह एलोरा जिला औरंगाबाद स्थित लयण-श्रृंखला में है। 

2) द्वितीय शताब्दी मे बनी यह अजंठा की गुफाये 1983 मे युनेस्को विश्व विरासत स्थल मे शामिल कर ली गयी थी।  यह गुफा पहाड को काटकर बनायी गयी है । इसलीय इने रॉक कट आर्किटेक्चर कहते है । यहा पर सामान्यतःहा बौद्ध भिक्षु अपने आवागमन के मार्ग मे रूका करते थे इसलीये इस जगह को सामान्यतःहा चैत्य और विहारो के नामसे जाणा जाता है । 


◆ औरंगबाद  का इतिहास 

प्राचीन भारत की पहली शताब्दी ईसा पूर्व -२ वीं शताब्दी के बीच सातवाहन वंश का राज्य हुवा करता था । उस समय सातवाहन साम्राज्य की राजधानी पैठण नाम से जाणी जाती थी । जो की वर्तमान औरंगाबाद मे स्थित है। 

सातवाहन के बाद 1200 AD मे यादव वंश का कार्यकाल शूरू हुवा । यादव वंश पर अल्हाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण किया । 

अल्हाउद्दीन खिलजी का दास मलिक कफूर ने दक्खन साम्राज्य पर दक्खन विजय अभियान चलाया । मलिक  कफुर ने दक्खन विजय अभियान मे देवगिरी नामक स्थान पर कब्जा किया और वही देवगिरी अल्हाउद्दीन  खिलजी के कारण दौलताबाद नाम से जाणा जाणे लगा  और यही देवगिरी आज का औरंगाबाद है । 
    
दौलताबाद के दक्षिण मे स्थित वारांनगल नामक स्थान से मलिक कफूर आल्हाउद्दीन खिलजी के लिये  कोहिनुर हिरा लेके चला गया था । कोहिनुर हिरा भारत का सबसे किमती हिरा था ।

अल्हाउद्दीन खिलजी के बाद 1321 -1315 AD मे मुहम्मद बिन तुघलक का शासन आया । मुहम्मद बिन तुघलक ने मंगोल आक्रमण से बचने के लिये अपनी राजधानी दिल्ली से दौलताबाद( देवगिरी) विस्थापित की। 

उसके बाद दक्षिण मे कूल पाच साम्राज्य बने थे । उसमेसे अहमदनगर एक था । वर्ष1499 AD मे दौलताबाद अहमदनगर साम्राज्य का हिस्सा हो गया ।
उसके बाद मुघलो का शासन आया । मलिक अंबर मुघलो के लिये दक्खन अभियानपर आया था । उस अभियान मे मलिक अंबर ने अहमदनगर पर 1610 मे अपना कब्जा स्थापित कर औरंगाबाद को अपनी राजधानी मे बदला और दौलताबाद का नाम बदलकर खडकी रख दिया। 
 
मलिक अंबर को मुघल इथिओपिया से खरीदकर लाये थे। बाद मे यह शिपाई से सेनापती बन गया । मुघल काल मे बाबर- हुमायून -अकबर -जहांगीर शहाजान राजा रहे । 
 
शहाजाण का बेटा औरंगजेब था । शहाजाण ने औरंगजेब को दक्खन का राज्यपाल नियुक्त कर दिया था। औरंगजेब ने 1650 के कार्यकाल मे खडकी का नाम बदलकर औरंगाबाद कर दिया । औरंगजेब ने राजा बनणे केलीये अपने पिता अपने भाईयोको को मार डाला और खुद दिल्ली के तक्त पर जा बैठा ।

उसी समय मुघलो के समांतर छत्रपती शिवाजी महाराज भोसले के नेतृत्व मे मराठा साम्राज्य बढ रहा था । छत्रपती शिवाजी महाराज भोसले के बडे पुत्र का नाम छत्रपती संभाजी महाराज था । संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 मे हुवा था । यह अपने पिता से भि बडे बहादूर समजे जाते थे । यह वही संभाजी महाराज थे जिनोने औरंगजेब की निंद उडा दी थी । 
 
इस वजह से मराठा साम्राज्य को नष्ट करणे बुढि उमर मे औरंगजेब दिल्ली से दक्खन मे आया । औरंगजेब ने अंतिम समय मे अपनी राजधानी औरंगाबाद ही रखी थी।

औरंगजेब का एक ही सपना था की वह अपने साम्राज्य को तंजावर ते अफगाणिस्तान तक फैलाये और अपना इस्लाम धर्म प्रसारित करे । 
 
फरवरी 1969 मे संभाजी महाराज और कवी कलश अपने 500 सैनिक के साथ संगमेश्वर गाव मे रुके हुये थे यह खबर शिर्के परिवार ने मुघल सरदार मुकर्रबखान को दी । मुकर्रबखान क सैन्य ज्यादा होणे के कारण संभाजी महाराज को बंदी बना लिया गया । संगमेश्वर - अकलूज -बहादूरगड ( धर्मवीरगड) रास्ते से तुळापूर लाया गया । 
    
औरंगजेब ने संभाजी महाराज के सामने इस्लाम कबुल करणे का प्रस्ताव रखा यह प्रस्ताव मान्य करणेपर जाणबक्ष देणे का वादा किया । लेकिन्न संभाजी महाराज नही माने और अपने धर्म धरती के प्रति दृढ रहे । 
      इसघटना पर युरोपियन इतिहासकार लिखते है की ....
उसके बाद संभाजी महाराज और उनके मित्र कवी कलश को बहोत बेरहमी से मार दिया गया । 


◆औरंगबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखणे  के प्रयास पर......राजनीती ? 

1980 के दशक मे बाळासाहेब ठाकरे मुंबई पुणे मे अपना प्रभुत्व जमा रहे थे । स्थानीय निकाय चुनाव मे पुणे मुंबई के साथ औरंगाबाद मे  शिवसेना को 
सरकार बनाणे का मौका मिला था । 
  
बाळासाहेब ठाकरे ने 1988 मे कहा था की " जब हमारी शिवसेना सरकार सत्ता मै आयेगी तब हम औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर देंगे। 
      
एक बार मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के नेतृत्व मे शिवसेना की सरकार बन गयी तब भी औरंगबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करणे का प्रस्ताव आया लेकींन पास नही हुवा ।क्यूकी वहा के सांसद मुस्लिम थे उनोने इस नाम को बदलने के प्रति हाय कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट मे अपने तरफ से रीट दायर कर दि थी । जवाबतलब करते उस रिट के कारण औरंगबाद का संभाजीनगर नही हुवा।
    
औरंगाबाद का संभाजीनगर नाम करणा शिवसेना के लिये बाळासाहेब ठाकरे के सपणे को पुरा करणे जैसा है। वही अन्य मित्रपक्ष इसका विरोध कर रहे है ।


◆ क्या औरंगाबाद का संभाजीनगर हो सकता है क्या है इसके कानूनी प्रावधान ?:

            ◆ किसीं राज्य/शहर का नाम बदलणे की प्रक्रिया ;        

किसीं शहर का नाम बदलणे का तरिका बहोत आसान है।और यह ताकद केंद्र सरकार के पास होती है। केंद्र सरकार ग्रह मंत्रालय की तरफ से …..जगह के नाम बदलणे का प्रस्ताव राज्य सरकार से मांगती है । लेकींन इसमे अनिवार्य नही है की राज्य कहे तभि नाम बदला जाये । 

राज्य का नाम बदलणा हो तो संविधान संशोधन करणा पडेगा क्यूकी संविधान के पहले आर्टिकल मै लिखा है की INDIA IS A UNION OF STATE .

 लेकींन शहर का नाम बदलणा हो तो केवल गृह मंत्रालय की शिफारस लगती है । उसके बाद रेल मंत्रालय और डाक सुधारणा  विभाग (postal development vibhag) 

 रेल को अपने स्टेशन के नाम बदलणे होते है । गृह मंत्रालय ,रेल मंत्रालय और डाक विभाग की NOC प्राप्त होणे पर किसीं शहर का नाम बदला जाता है ।

उदा: 

             इलाहाबाद : प्रयागराज फै

            फैजाबाद : अयोध्या 

            औरंगाबाद : ..............


                   ● Written by - changdev saykar





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